कारगिल विजय दिवस
27-Jul- 2022

माता पिता एवं देश के प्रति कृतज्ञ रहें : श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी

कारगिल विजय दिवस पर कर्नल नारायण पारवानी का प्रभावी प्रस्तुतिकरण

 

मंगलवार दिनांक 26.07.2022 को परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में कारगिल विजय दिवससंत हिरदाराम ऑडिटोरियम में गरिमामय रूप से मनाया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष से पूरे देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। अमृत महोत्सव मनाने हेतु परमहंस संत हिरदाराम साहिबजी के आशीर्वाद से स्थापित एवं उनके उत्तराधिकारी श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के मार्गदर्शन में संचालित शहीद हेमु कालानी एजुकेशनल सोसाइटी ने कई देशभक्तिपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किये हैं - जैसे 1971 के भारत-पाक युद्ध का विजय दिवसवीरों की गाथाएंभारत के वीर एप्प द्वारा विद्यार्थियों को युद्ध में वीरगति प्राप्त परिवारों की सहायता आदि। वैसे भी इस संस्था द्वारा संचालित 8 स्कूलों और तीन कालेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के साथ संस्कारों की शिक्षा भी दी जाती हैजिनमें से देशभक्ति एक महत्वपूर्ण संस्कार है। इसी कड़ी में संस्था के स्कूलों एवं कालेजों ने संयुक्त रूप से कारगिल विजय दिवस मनायाजिनमें  प्रमुख थे मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूलनवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूलचिल्ड्रेन्स होप इंडिया गर्ल्स स्कूल (गांधीनगर)संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज,  संत हिरदाराम प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान महाविद्यालय व संत हिरदाराम इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट.

 

कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन संस्था के सचिवश्री ए सी साधवानी ने दिया. इस पावन अवसर पर सेना से  सेवानिवृत सूबेदार मेजर टी. एस. सोढीसूबेदार बी. के. शर्मानायक सूबेदार बी. सी. कटोचहवलदार हरिपाल एवं  इंजिनियर एन.एस. सोलंकी को भी आमंत्रित किया गया था जिनका पुष्प गुच्छों से स्वागत किया गया. स्वागत के पश्चात् कारगिल युद्ध में अमर हुए शहीदों को समस्त उपस्थितों ने अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर एवं दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी.

 

इस अवसर पर अपने आशीर्वचनों में श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने माता-पिता का आदर करना चाहिए और उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए. जो विद्यार्थी अपने माता पिता की चरण-रज माथे पर लगाता हैउसका भाग्योदय सुनिश्चित है. साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को अपने देश एवं सेना के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिएजिसके कारण हम सब स्वतंत्र हैं और अपने अपने घरों में सुरक्षित हैं.

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में कर्नल नारायण पारवानी जी ने विद्यार्थियों को अपने प्रभावी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा कारगिल की विजय गाथा का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध  26 जुलाई 1999 में दुनिया के सबसे ऊँचे स्थान पर लड़ा गया युद्ध थाजिसमें पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मघाती हमले में भारतीय नौजवानों ने अपनी बहादुरी के जज्बे का सबूत दिया और जीत हासिल की। वह जज्बा था – देशभक्ति कादेश प्रेम का. सैनिकों ने अत्यधिक तकलीफें उठाकर अपने देश के लिए एवं हम सबकी सुरक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिये। इस यु़द्ध में 527 जवानों ने अपनी शहादत  दी। उन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए वह कर दिखायाजो तक़रीबन असम्भव था। कर्नल पारवानी जी ने विजुअल्स के माध्यम से कारगिल की भौगोलिक स्थिति बताते हुए युद्ध की यथार्थ स्थिति को प्रस्तुत किया। उन्होंनें नौजवानों को युद्ध के दरम्यान आने वाली मुश्किलों एवं उनका सामना करने वाली स्थिति से परिचित कराया। यह युद्ध ऐसा था जिसको प्रत्येक भारतीय ने अपने घरों में देखा। टी.वी. के माध्यम से पूरा देश सेना के साथ जुड़ गया था। इस युद्ध ने पूरे देश को देशभक्ति के रंग मे रंग दिया था। श्री पारवानी जी ने कहा कि भविष्य में विद्यार्थी भी ऐसे वीरतापूर्ण कार्यों में भाग ले सकते हैं।

 

इस कार्यक्रम में शहीद हेमू कालानी शैक्षणिक संस्थान के उपाध्यक्ष श्री हीरो ज्ञानचंदानीसचिव श्री ए.सी. साधवानी,  एकेडेमिक डायरेक्टर श्री गोपाल गिरधानीएकेडेमिक हेड जयश्री मूर्तिसंस्था द्वारा संचालित समस्त स्कूलों/कालेजों के प्राचार्य – डॉ. डालिमा पारवानीडॉ. आशीष ठाकुर,  डॉ. अजयकान्त शर्माश्रीमती अमृता मोटवानीश्री राजेश लालवानीश्रीमती मिष्टी वासवानीसंस्था के अन्य सदस्य एवं कार्यकर्तागण भगवान दामानीथावर वरलानीराजकुमार मूलचंदानीहीरो केसवानीके. एल. लुहानाबड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएंउपनगर के गणमान्य नागरिक एवं पत्रकार बंधु उपस्थित थे।

 

कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती प्रमिता दुबे परमार द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन उपरांत राष्ट्रगीत के साथ इस राष्ट्र-भक्ति से ओतप्रोत आयोजन का समापन हुआ.


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