सिंधी भाषा के विकास पर सत्र आयोजित
5-Dec- 2022
सिंधी भाषा का विकास रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा - डॉ. जेठो लालवानी
नवनिध और मिठी गोबिंदराम के पालकों हेतु नई शिक्षा नीति पर सत्र आयोजित

आज शनिवार दिनांक 3 दिसंबर 2022 को नवनिध और मिठी गोविंद राम पब्लिक स्कूल के पालकों हेतु नई शिक्षा नीति पर एक सत्र का आयोजन किया गया. कार्यक्रम मेँ दुबई से पधारी सिंधी भाषा की प्रचारक, दीदी आशा चांद और अहमदाबाद से पधारे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित सुप्रसिद्ध सिंधी लेखक डॉ. जेठानंद लालवानी मुख्य अतिथि थे.

प्रारम्भ मेँ भोपाल गैस त्रासदी मेँ अपनी जान गवाने वाले व्यक्तियों को दो मिनट मौन रखकर सभी ने श्रद्धांजली दी. तत्पश्चात्, शहीद हेमू कालानी एजुकेशनल सोसाइटी के सचिव श्री ए सी साधवानी ने स्वागत उद्बोधन दिया. उन्होंने सत्र की उपयोगिता बताते हुए कहा कि दोनों स्कूलों मेँ कक्षा पांचवीं से आठवीं तक पहले से ही सिंधी भाषा पढ़ाई जा रही है. दीदी आशा चाँद की प्रेरणा से अब न केवल कक्षा पहली से चौथी तक भी यह पढ़ाई प्रारम्भ की गई है बल्कि विद्यासागर पब्लिक स्कूल मेँ भी छोटे बच्चों को नर्सरी राइम, दिनों, महीनों और शरीर के अंगों के नामों को मौखिक रूप से पढ़ाया जाता है. कई असिंधी भाषी पालकों ने भी सिंधी विषय बच्चों हेतु चुना है.

संस्था के प्रशासनिक अधिकारी श्री भगवान बाबानी, जो कि एक सुप्रसिद्ध सिंधी भाषी कवि और लेखक भी हैँ, ने अतिथियों का परिचय देते हुए कहा कि स्कूलों और पेरेंट्स की इच्छा शक्ति से ही स्कूलों मेँ यह भाषा पढ़ाई जा सकती है. इसके लिए आवश्यक है कि लोग अपने बच्चों से घर मेँ सिंधी मेँ बात करें. आज विद्यार्थी यू. पी. एस. सी. की परीक्षाएं भी सिंधी माध्यम से लेकर आसानी से पास हो सकते हैँ. कई संस्थानों मेँ अनुवादकों की भी आवश्यकता है. 

नवनिध स्कूल की प्राचार्य श्रीमती अमृता मोटवानी और मिठी गोबिंदराम स्कूल की वाईस प्रिंसिपल श्रीमती आशा चंगलानी ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी की रिसर्च बताती है कि कई भाषाएं और विशेषकर मातृभाषा सीखने से बच्चों का मस्तिष्क विकसित होता है.

इस अवसर पर डॉ. जेठानंद लालवानी ने कहा कि स्कूल सिंधी भाषा का विकास बच्चों को सिंधी लिपि सिखाने और पढ़ाने से कर सकते हैँ. इससे रोजगार के भी अवसर उपलब्ध होंगें और आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा. सिंधी भाषा के किताबों की लिखाई, छपाई और बिक्री से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. उन्होंने कहा कि यद्यपि देवनागिरी और सिंधी (अरबी) लिपि दोनों द्वारा सिंधी भाषा सीखी जा सकती है किन्तु सिंधी वर्णमाला मेँ 52 अक्षर होने से वह अन्य भाषाओं से समृद्ध है और जो व्यक्ति सिंधी भाषा जानता है वह विश्व की कोई भी भाषा आसानी से सीख सकता है.

कार्यक्रम मेँ उपनगर के वरिष्ठ पत्रकार और सिंधी सेंट्रल पंचायत के महासचिव श्री सुरेश जसवानी ने कहा कि जब तक सिंधी भाषा को रोजगार से नहीं जोड़ा जाता तब तक उसका विकास सम्भव नहीं. उन्होंने बताया कि कई सरकारी स्कूलों मेँ हजारों की संख्या मेँ सिंधी शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैँ. यदि पालकगण बच्चों को सिंधी पढ़ाएंगे तो उनके लिए सरकारी और अन्य स्कूलों मेँ रोजगार उपलब्ध होगा.

मुख्य अतिथि के रूप मेँ बोलते हुए श्रीमती आशा चाँद ने पालकों से निवेदन किया कि वे घर मेँ आपस मेँ सिंधी बोलें, स्कूलों मेँ बच्चों को सिंधी पढ़वाएं क्योंकि कोई भी जाति एवं उसके संस्कार भाषा के निरंतर विकास से ही जीवित रह सकते हैँ. उन्होंने दुबई सिंधी संगत द्वारा गूगल एवं यूट्यूब पर विकसित एप्प एवं वीडियो की जानकारी दी जिनसे कोई भी व्यक्ति सिंधी भाषा सीख सकता है. उन्होंने सिंधी भाषा के विकास के लिए निरंतर जारी स्कूली प्रतियोगिताओं की भी जानकारी दी. इन प्रतियोगिताओं मेँ विजेता विद्यार्थियों को उनके द्वारा पुरुस्कार दिए जाते हैँ. उल्लेखनीय है कि दीदी आशा चाँद सिंधी भाषा के विकास हेतु देश के कई स्थानों मेँ जाकर स्कूलों मेँ सत्र, बैठकें आयोजित कर लोगों को प्रेरित करतीँ हैँ.

कार्यकर्म मेँ वक्ताओं के अतिरिक्त संस्था उपाध्यक्ष श्री हीरो ज्ञानचंदनी, जीव सेवा संस्थान के सचिव श्री महेश दयारामानी, सुप्रसिद्ध वकील जगदीश छावानी, विद्यासागर पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका मिष्टी वासवानी, संस्था के विद्यालओं की शिक्षिकायें और बड़ी संख्या मेँ पालकगण उपस्थित थे. इस अवसर पर नवनिध स्कूल की छात्रा हिमांशी बाबानी, जो कि स्कूल मेँ सिंधी पढ़ती है, ने कहा कि उसे यह भाषा सीखकर बहुत अच्छा लगता है और वह घर मेँ भी सिंधी बोलती है और अपनी सहेलियों को प्रेरित करती है. 

कार्यक्रम का कुशल संचालन नवनिध स्कूल की सिंधी शिक्षिका समीक्षा पेसवानी द्वारा किया गया और समस्त उपस्थितों का आभार शहीद हेमू कालानी एजुकेशनल सोसाइटी के अकादमिक डायरेक्टर श्री गोपाल गिरधानी ने व्यक्त किया.

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