Orientation Programme 2024-2025
4-Jun- 2024


आत्मसंतोष जीवन यात्रा की सबसे बड़ी पूंजी है। ’’ – श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी

शहीद हेमू कालानी एजुकेशनल संस्थान में टीचर्स ओरिएंटेशन प्रोग्राम’ आरम्‍भ

शहीद हेमू कालानी एजुकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित विद्यालयों मिठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूलनवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूलकेवलराम चैनराय पब्लिक स्कूलविद्यासागर पब्लिक स्कूल एवं सीएचआई गर्ल्‍स हायर सेकंडरी स्‍कूल  के शिक्षक-शिक्षिकाओं हेतु श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी के पावन सानिध्य एवं मार्गदर्शन में दिनांक 3 जून से 15 जून तक शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्‍य  शिक्षण कार्य को और अधिक रोचकज्ञानवर्द्धकसुगम्‍य और प्रभावशाली बनाना है।

शिक्षक उन्मुखीकरण सत्र के प्रथम दिवस पर श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मसंतोष जीवन यात्रा की सबसे बड़ी पूंजी है। मर्यादित – शिष्ट आचरण, सामंजस्य एवं समन्वय का भाव व्यक्ति के जीवन को प्रसन्नता एवं सम्मान से परिपूर्ण करता है। सम्मान पाने की लालसा से पूर्व व्यक्ति के भीतर सम्मान देने का भाव ही उसे समाज में प्रतिष्ठित एवं सम्मानित स्थान देने में सहायक होता है। आपने शिक्षकगण से अपील की कि वे दूसरो में दोषों को ना खोजे, न किसी की निंदा करे और न ही सुने क्योंकि यह नकारात्मकता को बड़ा कर व्यक्ति को दुख, तनाव एवं अवसाद से घेर लेता है जिसका कुप्रभाव उसके व्यक्तित्व को संकुचित कर देता है। एक शिक्षक के लिए यह आवश्यक है कि वह सदैव अपनी वाणी में मिठास रखें एवं दूसरों के लिए सम्मान रखें। प्रतिशोध की अग्नि में जलने से शांति व आनंद चला जाता है अतः हमेशा क्षमा करने का गुण अपने मन में विकसित करें।

संस्था सचिव श्री घनश्याम बूलचंदानी ने अपने वक्तव्य में बोर्ड परिक्षाओं में संस्था के विभिन्न विद्यालयो के उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम पर शुभकामनाएँ प्रकट करते हुए भविष्य में भी शिक्षकों से कर्मठ एवं लगनशील बने रहकर छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रयासरत् रहने की अपील की। साथ ही आगामी दिवस के शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यक्रम की रुपरेखा पर प्रकाश डाला।

इसके पूर्व सेवा सदन आई हॉस्पिटल के मैनेजिंग ट्रस्टी सम्मानीय एसी साधवानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रत्‍येक शिक्षक एवं शिक्षिका का स्‍वस्‍थ रहना अति आवश्‍यक है। यदि आप स्‍वस्‍थ रहेंगे तो अपने कर्तव्‍य का पालन बहुत अच्‍छी तरह से कर पाएंगे। विद्यार्थी आपके पढ़ाने और बोलने से ज्‍यादा आपके आचरण की प्रत्‍येक गतिविधि को ध्‍यान में रखते हैं और उसका अनुपालन करते हैं। इसलिये जो संस्‍कार हम विद्यार्थियों के भीतर रोपना चाहते हैं वे संस्‍कार हमको अपने जीवन और व्‍यवहार में भी उतारना अति आवश्‍यक है।

संस्था सह-सचिव श्री केएल रामनानी ने सभागार से मुखातिब होते हुए कहा कि विवेकशील बनकर सद्कार्यों के प्रति समर्पित रहें क्योंकि अच्छे एवं भावना से किए गए कार्यों का सुफल अवश्य प्रदान करता है। साथ ही मर्यादित जीवन दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर समाज की दशा सुधारते हुए उसे सुदिशा प्रदान करता है।

संस्था सदस्य श्री मनोहर वासवानी ने गुरुकुल परंपरा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संस्कृति का आभूषण चारित्रिक मूल्यों को बताया जो वर्तमान संदर्भ में विद्यार्थियों में रोपित किया जाना अतिआवश्यक है।

इस अवसर पर संस्था के अकादमिक डॉयरेक्टर श्री गोपाल गिरधानी, विद्यालय मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल के प्राचार्य श्री अजय बहादुर सिंह, नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूल की प्राचार्या श्रीमती अमृता मोटवानी, केवलराम चैनराय पब्लिक स्कूल की प्राचार्या सुश्री सुमन विश्वकर्मा, सीएचआई गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल की प्राचार्या श्रीमती प्रिया जैन शर्मा, विद्यासागर पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमती मिष्ठी वासवानी द्वारा शिक्षकों के दायित्व एवं विद्यार्थियों के सर्वागींण विकास पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार अभिव्यक्त किए गए।

इस अवसर पर उपर्युक्त विद्यालयों के उप-प्राचार्यगण, कॉर्डिनेटर्स एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन मिठी गोबिंदराम विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती दुर्गा मिश्रा के द्वारा किया गया।

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